कैसे पहचाने मौसमी बुखार या वायरल फीवर को .. जानिए

मौसमी बुखार के लिए ये औषधियाँ हैं कारगर …. जानिए इनके बारे में

वायरल फीवर यानि कि मौसमी बुखार मौसम के बदलाव के होता है। यह बुखार हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर बना देता है। वायरल फीवर बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है इसलिए इस बुखार में एक रोगी व्यक्ति को अलग से देखरेख में रखा जाता है | वायरल फीवर समय पर ध्यान न देने से यह बुखार खतरनाक रूप ले सकता है। आज हम आपको मौसमी बुखार से लड़ने के लिए कुछ कारगर औषधियों के बारे में बतायेंगे जिनका आयुर्वेद में ख़ास महत्व है |

 

कैसे पहचाने मौसमी बुखार या वायरल फीवर को … क्या है मौसमी बुखार के मुख्य लक्षण … जानिए

  • बार बार खांसी होना
  • गला दर्द करना
  • उल्टी और दस्त होना।
  • बदन में दर्द।
  • आंखों का लाल होना।
  • माथे का बहुत तेज गर्म होना आदि।
  • सिर दर्द होना
  • थकान होना
  • हाथ और पैरों के जोड़ों का कमजोर होना और उनमें दर्द होना

क्या मौसमी बुखार को दूर भगाने की कारगर औषधियाँ … जानिए 

 

हल्दी और सौंठ यानि अदरक का पाउडर इस्तेमाल करें :- अदरक में एंटी-आक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं जो बुखार को ठीक करने में एहम भूमिका निभाते हैं |

औषधि :- 1

एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक छोटी चम्मच हल्दी का चूर्ण और एक चम्मच सौंठ यानि अदरक का पाउडर और हल्की सी चीनी किसी बर्तन में डालकर एक कप पानी में तब तक उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाए। इसके बाद इस पानी को थोड़ा ठंडा करके रोगी को पिलाएं। इससे मौसमी बुखार में आराम मिलता है।

 

तुलसी का इस्तेमाल करें :- तुलसी में एंटी-बायोटिक गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर के अंदर के रोगाणुओं को खत्म करने में मदद मिलती है।

औषधि 2 :-

एक चम्मच लौंग के चूर्ण को दस से पंद्रह तुलसी के ताजे पत्तों के साथ एक लीटर पानी में मिला लें और इसे इतना उबालें जब तक यह सूखकर आधा न रह जाये। उसके बाद इसे छानें और ठंडा करके हर एक घंटे में मरीज़ को पिलायें।

 

धनिये का इस्तेमाल करें :- मौसमी बुखार को खत्म करने के लिए धनिया चाय बहुत ही असर कारक औषधि का काम करती है।

औषधि 3 :-

कप पानी में एक बड़ी चम्मच धनिया के दानों की डालकर उबालें। फिर इसमें थोड़ी सी मात्रा में दूध और कम मात्रा में चीनी डालकर उबाल लें । अब यह गरम-गरम चाय रोगी को पिलाएं।

 

सोया, काली मिर्च और कलौंजी का प्रयोग करें :- सोया शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे मौसमी बुखार आसानी से उतर जाता है।

औषधि 4 :-

एक छोटी चम्मच काली मिर्च का चूर्ण, एक बड़ी चम्मच सोया के ताजे दाने और एक चुटकी दालचीनी का चूर्ण और आधा चम्मच कलौंजी को एक कप पानी में डालकर 15 मिनट तक उबालें। जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तब इसे साफ कपड़े से छानकर किसी बर्तन में रख दें फिर थोड़ा ठंडा होने पर मरीज़ को थोड़ी थोड़ी देर में देते रहें।

 

मेथी का इस्तेमाल करें :- मेथी में वायरल बुखार को रोकने की क्षमता होती है।

औषधि 5 :-

मेथी के दानों को एक कप में भरकर इसे रात भर के लिए भिगों लें और फिर सुबह इसे छानकर रोगी को हर एक घंटे में पिलाते रहें।

 

नींबू और शहद का इस्तेमाल करें :- नींबू का रस और शहद भी वायल फीवर के लिए  असरदार औषधि का काम करते हैं।

औषधि 6 :-

आप मरीज़ को शहद और नीम्बू के रस का सेवन भी करा सकते हैं।

 

सलाह :- यदिइन नुस्खों से रोगी में कोई असर न पड़ रहा हो तो यह समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए समय रहते रोगी को चिकित्सक के पास अवश्य ले जाएं।